Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व के किसी नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा है। श्री मोदी की यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौते पर अमरीका के दबाव में सहमति जताए जाने के आरोपों के बीच आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ही भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने का आग्रह किया था और कहा था कि वे अब और नहीं सह सकते। श्री मोदी ने कहा कि अमरीका के उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत के दौरान भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो भारत बड़ा हमला करके जवाब देगा।
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और भारतीय सशस्त्र बलों ने मात्र 22 मिनट में 22वें आतंकी हमले का बदला ले लिया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, तो वह अपने तरीके से जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का समर्थन करने वाली सरकारों और आतंकी सरगनाओं को दो अलग-अलग संस्थाओं के रूप में नहीं देखेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आत्मनिर्भर भारत की ताकत देखी और भारत में बने ड्रोन और मिसाइलों ने पाकिस्तानी हथियारों और गोला-बारूद की क्षमताओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि देश की सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान योजनाबद्ध ऑपरेशन को सटीकता से अंजाम दिया और पाकिस्तान इसे रोकने में असमर्थ रहा।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में पाकिस्तान के एयरबेस और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर ऑपरेशन सिंदूर पर देश का समर्थन न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को सभी देशों का समर्थन मिला, लेकिन सशस्त्र बलों के पराक्रम का समर्थन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस पाकिस्तान से मुद्दे आयात कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कभी भी स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं रहा है और उसके नेतृत्व वाली सरकारों के कमजोर शासन के परिणामस्वरूप आतंकवादी हमलों में कई नागरिकों की जान गई है।